Thursday, January 01, 2009

नव वर्ष का आगमन

कंटीली झाडियों सा वक्त,

पथरीले रस्ते सा वक्त ,
सूर्यास्त और पतझड़ सा वक्त ,
फिरकनी सा घुमाता हुआ वक्त ,
खुशी में भी टीस देता हुआ वक्त
अपनों को अपने से तोड़ता वक्त ,
गीली टहनी सा झुका हुआ वक्त
इस बेरहम वक्त से संघर्ष करता हुआ ,
गुलाब की कलियों से महकता सूर्योदय
का समय
सीधी सी पगडण्डी के किनारों पर
सजीला बहारो का समय
शांत झील सा सुंदर समय
लकड़ी के गठ्हर सा दुसरोको ,
को अपने से जोड़ता सुखद समय
इसी मेहरबान समय के साथ
नव वर्ष की बधाई एवम शुभकामनाये .

2 टिप्पणियाँ:

k.r. billore said...

it is very interesting.....expressions. the time, waqt........the supreme power

k.r. billore said...

it is very interesting.....expressions. the time, waqt........the supreme power