Thursday, July 02, 2009

मानसून को आने तो दीजिये

आज के अख़बार में देखा मानसून की चर्चा ,ब्लॉग में मानसून की चर्चा अभी तो सिर्फ़ फुहारे आई है अभी तो धरती बहूत प्यासीहै |हम थोड़े से में खुश हो लेते है जगह जगह प्लास्टिक की थैलियों के अटकने से जाम हो जाता है तो सडको पर भी पानी भर जाता है हम खुश हो जाते है अख़बार वाले एक फोटो छाप देते है ,टी .वि .वाले एक गढ्डाभरा दिखा देते है |और ख़बर दे देते है मानसून आ गया |अभी तो सिर्फ़ छीटे बोछारे आई है जरा झमाझम बरसने दीजिये अभी से क्यो छाता निकल लिया ?थोड़ा भीग लीजिये |अभी तो किसान बैठा है !बीज डालने को तैयार? जब बीज डलेगा तो समझो मानसून आया|
नदियों को भरने दीजिये |कुओ को भरने दीजिये |मेंढक को टर्र टर्र करने दीजिये .........

अभी तो आओ बरखा को थोड़ा सा मनुहार करके बुलाये .......

पाणी बाबा, आओ रे काकडी भुट्टा लाव रे |

(पानी बाबा बरसो रे और संग में काकडी औरमकई के भुट्टे लाओ )

और जब झमाझम झडी लगे पानी की चारो तरफ जल ही जल हो कुए तालाब लबालब हो ,पशु पक्षी के लिए सर्वत्र घास ही घास हो हरी हरी, किसान को दम मारने की फुर्सत न हो पक्षियों का मधुर कलरव हो तो ......
तब firसे एक बार प्यार से मनुहार करना बरखा रानी की -

बरसो राम धडाके से
बुढिया जी उठे कडाके से .................

5 टिप्पणियाँ:

दिगम्बर नासवा said...

आमीन............. ऐसा ही हो...........

Sajal Ehsaas said...

humare yahaan to khoob baarish ho rahee hai...

gazalkbahane said...

मानसून को बुलाने का मेरा अन्दाज
आओ नाचे ता-ता-थैया-बालगीत यहां पढ़े-इस गारन्टी के साथ की पसन्द आएगा
http://saraspaayas.blogspot.com/2009/06/blog-post_25.html
और यहां मेरे निजी ब्लॉग्स पर

‘कौन पूछे है, लियाकत को यहाँ पर
पेट भरना है तुझे तो तोड़ पत्थर’

इस गज़ल को पूरा पढ़ने व अन्य गज़लो के लिये यहां पधारें
http://gazalkbahane.blogspot.com/पर एक-दो गज़ल वज्न सहित हर सप्ताह या
दो बूंद हौसला- most recent post
http://katha-kavita.blogspot.com/पर कविता ,कथा, लघु-कथा,वैचारिक लेख पढें

अमिताभ श्रीवास्तव said...

kuchh apne ynha ki yaad aai, shayad nimaar me is tarah ka kahte he..पाणी बाबा, आओ रे काकडी भुट्टा लाव रे,,
aadi,
achcha laga.
maan soon...ka mazaa abhi knha aaya..//shayad yah hamari niyati ban gai he ki..jo ab kam barasta he, usake liye thoda bhi barsana jyada ho jata he...

स्वप्न मञ्जूषा said...

aapki baat ho jaaye bas...

yahan Canada mein bhi barish ho rahi hai...