tag:blogger.com,1999:blog-7736130555916967745.post3367506016452172701..comments2024-03-10T11:27:05.515+05:30Comments on अभिव्यक्ति: "कुछ ऐसे भी फालोअर गांधीजी के " 'व्यग्य "शोभना चौरेhttp://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-7736130555916967745.post-33994820237970186652010-10-05T23:47:20.831+05:302010-10-05T23:47:20.831+05:30kamaal ka vyang hai ,hamaare aadarsh bas isi tarah...kamaal ka vyang hai ,hamaare aadarsh bas isi tarah khokhle hote hai .yatharth ki badhiya prastuti .ज्योति सिंहhttps://www.blogger.com/profile/14092900119898490662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7736130555916967745.post-45071663267159311142010-10-05T18:34:52.927+05:302010-10-05T18:34:52.927+05:30sashakt abhivykti bapu ke aadarsh aaj ke parivesh ...sashakt abhivykti bapu ke aadarsh aaj ke parivesh me sirf udahran hi ho gaye hai .......kamana mumbaik.r. billorehttps://www.blogger.com/profile/08651473826627511252noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7736130555916967745.post-67760005625592602322010-10-04T22:05:09.920+05:302010-10-04T22:05:09.920+05:30बहुत अच्छे अभिनेता हैं यह तथाकथित बुद्धिजीवी... दि...बहुत अच्छे अभिनेता हैं यह तथाकथित बुद्धिजीवी... दिन में बकरी का दूध और रात को चिकन!!Manoj Khttps://www.blogger.com/profile/06707542140412834778noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7736130555916967745.post-65345385040341901382010-10-04T19:33:04.021+05:302010-10-04T19:33:04.021+05:30गज़ब का व्यंग्य लिखा है...आज कि हकीकत यही है...सबल...गज़ब का व्यंग्य लिखा है...आज कि हकीकत यही है...सबलोग सिर्फ इस नाम का इस्तेमाल करना जानते हैं...जीवन में उतारना किसी को गवारा नहीं...गाँधी जी ने कभी सोचा होगा...कि इतने सारे लोग उनके नाम का गलत उपयोग कर फूल-फल रहें हैं<br />अफ़सोस होता है यह सब देख-सुनrashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7736130555916967745.post-3608128391533589622010-10-04T14:03:21.232+05:302010-10-04T14:03:21.232+05:30धन्य है इसे फोलोअर ..अच्छा व्यंग.धन्य है इसे फोलोअर ..अच्छा व्यंग.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7736130555916967745.post-37228444634009360512010-10-04T08:54:47.899+05:302010-10-04T08:54:47.899+05:30जब गाँधी वाद बन जाता है तब वादविवाद ही होता है और ...जब गाँधी वाद बन जाता है तब वादविवाद ही होता है और ऐसे विवादास्पद अनुयायी ही पैदा होते हैं। अच्छा व्यंग्य।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7736130555916967745.post-23534847632846830342010-10-04T07:38:16.872+05:302010-10-04T07:38:16.872+05:30यह भी एक हकीकत है सिर्फ बातें करने वालों की ...
गा...यह भी एक हकीकत है सिर्फ बातें करने वालों की ...<br />गाँधी के नाम पर रेवड़ियाँ बांटे वाले और चट करने वाले तो खूब है , उन्हें जीवन में उतारने वाले काम ..<br />बहुत सटीक एवं सार्थक व्यंग्य ...!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7736130555916967745.post-7014138343663675442010-10-04T02:06:10.198+05:302010-10-04T02:06:10.198+05:30गज़ब की हकीकत से रु-ब-रु करावा दिया, नुझे तो इसमे ...गज़ब की हकीकत से रु-ब-रु करावा दिया, नुझे तो इसमे वाह सच ही ज्यादा दिखता है, जो आदमी दोहरी जिंदगी जी रहा है.......<br />सच की ताकत सच में अद्रश्य सी हो गयी, जिसे शायद आज कोई महसूस ही नहीं करना चाहता , बल्कि प्रयोग करने पर खुद को ठगा सा महसूस करने लग जाता है..........<br /><br />आखिर हम कब गांधीजी के इस विचार को आत्मसात करेंगे, जिसे आपने अपने व्यंग के प्रारंभ में ही उद्धृत किया है......<br />"मन का मैल विचार से ,भगवान के ध्यान से और अंत में भगवान के प्रसाद से ही जाता है" --महात्मा गाँधी<br /><br />इस रचना पर आपका हार्दिक आभार.........<br /><br />चन्द्र मोहन गुप्तMumukshh Ki Rachanainhttps://www.blogger.com/profile/11100744427595711291noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7736130555916967745.post-8873677723874407222010-10-04T00:48:11.801+05:302010-10-04T00:48:11.801+05:30ओह गज़ब का व्यंग ....बहुत सशक्त ..ओह गज़ब का व्यंग ....बहुत सशक्त ..संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7736130555916967745.post-69745139701116169382010-10-03T19:16:59.975+05:302010-10-03T19:16:59.975+05:30ये महोदय सफल नेता बनेंगे ,अच्छा व्यंग्य ।ये महोदय सफल नेता बनेंगे ,अच्छा व्यंग्य ।अजय कुमारhttps://www.blogger.com/profile/15547441026727356931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7736130555916967745.post-68769083121954012792010-10-03T18:42:04.742+05:302010-10-03T18:42:04.742+05:30शोभना जी, बहुत सटीक व्यंग्य.. वह बापू, देख रहे हो ...शोभना जी, बहुत सटीक व्यंग्य.. वह बापू, देख रहे हो तो देख लो... तेरी लकड़ी ठगों ने ठग ली, तेरी बकरी ले गए चोर!! मुझे अपना कहा एक शेर याद आ गया, आज के सो कॉल्ड गांधीवादियों परः<br />अपनी खादी की सफेदी देखो,<br />ख़ून का इनपे इक निशान भी था.चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7736130555916967745.post-5458997775706265462010-10-03T17:40:48.831+05:302010-10-03T17:40:48.831+05:30धन्य हैं गाँधी के अनुयायी जो रात को चिकन खायें और ...धन्य हैं गाँधी के अनुयायी जो रात को चिकन खायें और माँ को वृद्धाश्रम में रखें।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7736130555916967745.post-87768421112724893592010-10-03T17:02:03.178+05:302010-10-03T17:02:03.178+05:30.
शोभना जी,
बड़ी बेबाकी से प्रस्तुत किया है आपने....<br /><br />शोभना जी,<br /><br />बड़ी बेबाकी से प्रस्तुत किया है आपने ये शानदार व्यंग। ! हाथी के दांत खाने के और , दिखाने के और वाली कहावत चरितार्थ कर दी उन सज्जन ने।<br /><br />काश हम सभी सही अर्थों में गांघी जी के जीवन से प्रेरणा ले पाते !<br /><br />यथार्थ से परिचय करवाती इस शानदार प्रस्तुति के लिए आपका ह्रदय से आभार। <br /><br />.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7736130555916967745.post-90809141980475119112010-10-03T16:44:18.159+05:302010-10-03T16:44:18.159+05:30बहुत अच्छा व्यंग है.....
बधाई।बहुत अच्छा व्यंग है.....<br />बधाई।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7736130555916967745.post-61223770109331082432010-10-03T15:26:34.401+05:302010-10-03T15:26:34.401+05:30aaj aise hee logo ka jamaana hai.....kaisee vidamb...aaj aise hee logo ka jamaana hai.....kaisee vidambana hai.........Apanatvahttps://www.blogger.com/profile/07788229863280826201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7736130555916967745.post-76061112377627582852010-10-03T15:24:10.147+05:302010-10-03T15:24:10.147+05:30एक कड़वा सच कह दिया आपने बातो ही बातों में। बहुत बढ़...एक कड़वा सच कह दिया आपने बातो ही बातों में। बहुत बढ़िया पोस्ट। बधाई।परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7736130555916967745.post-52034507436287742212010-10-03T15:22:54.626+05:302010-10-03T15:22:54.626+05:30यथार्थ की बेबाक प्रस्तुति है ... अच्छा व्यंग है .....यथार्थ की बेबाक प्रस्तुति है ... अच्छा व्यंग है ... आज के नेता और तमाम लोग गाँधी के आदर्शों को वातानुकूलित कमरों में डिस्कस करना चाहते हैं ... कोई फॉलो नही करना चाहता ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7736130555916967745.post-1594453643214074312010-10-03T15:12:30.578+05:302010-10-03T15:12:30.578+05:30...बातो बातो में में वे इजहार करते भाई आज कि पीढ़ी......बातो बातो में में वे इजहार करते भाई आज कि पीढ़ी का तो कोई आदर्श ही नहीं है हमारे जमाने में में देखो आदर्श थे हमारे गांधीजी |<br />हम सब हैरान दिन रात विदेशी वस्तुओ का उपयोग करने वाले के आदर्श गांधीजी ?<br />....<br />..ऐसे लोगों से भरी-पटी है यह पृथ्वी, जिनके कहने और करने का अंदाज लगाना बेहद मुश्किल होता है.... व्यावहारिकता के मामले में ऐसे लोग इतने चतुर होते हैं कि ऐसी बातें करते हैं कि जैसे उनसे बढ़कर हमारा हितेषी कोई नहीं... समाज में जीते जागते ऐसे दोहरी भूमिका निभाते लोगों की बढ़ती तादाद सचमुच बेहद खतरनाक है ....<br />...एक यथार्थ की बखूबी प्रस्तुति के लिए आभारकविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.com