tag:blogger.com,1999:blog-7736130555916967745.post3376402438544279077..comments2024-03-10T11:27:05.515+05:30Comments on अभिव्यक्ति: "नाम में क्या रखा है ?"शोभना चौरेhttp://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-7736130555916967745.post-55010554903579028252014-07-06T15:34:46.464+05:302014-07-06T15:34:46.464+05:30नाम में ही तो सब कुछ है ... वाही याद रहता है लम्बे...नाम में ही तो सब कुछ है ... वाही याद रहता है लम्बे समय तक ... दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7736130555916967745.post-56344450933594419842014-07-06T09:57:11.045+05:302014-07-06T09:57:11.045+05:30नाम को लेकर मैंने दो पोस्ट लिखी थीं अपने ब्लॉग पर....नाम को लेकर मैंने दो पोस्ट लिखी थीं अपने ब्लॉग पर... कुछ व्यक्तिगत और कुछ सामान्य.. आज आपने एक नया विवरण प्रस्तुत किया है दीदी! मज़ा आ गया! <br />नाम में बहुत कुछ रखा है.. एक बार एक ब्लॉगर्स समारोह में मैंने अपना परिचय "सलिल" कहकर एक स्थापित ब्लॉगर महिला को दिया जिनके साथ मेरे बहुत अच्छे सम्बन्ध थे. मगर मुझसे मिलकर उनकी गर्मजोशी ग़ायब थी. बाद में जब मैंने उनसे इस घटना का ज़िक्र किया तो वो बहुत शर्मिन्दा हुईं. कहने लगीं "सलिल" के नाम से तुम्हारा चेहरा याद नहीं आता.. तुम्हें कहना चाहिये था कि मैं हूँ "चला बिहारी"..<br />:) चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7736130555916967745.post-11431591544934182482014-07-05T10:25:25.208+05:302014-07-05T10:25:25.208+05:30जी .... ये तो है जी .... ये तो है डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7736130555916967745.post-35888964173624857572014-07-04T18:38:48.114+05:302014-07-04T18:38:48.114+05:30ब्लॉग बुलेटिन आज की बुलेटिन, स्वामी विवेकानंद जी ...ब्लॉग बुलेटिन आज की बुलेटिन, <a href="http://bulletinofblog.blogspot.in/2014/07/blog-post_4.html" rel="nofollow"> स्वामी विवेकानंद जी की ११२ वीं पुण्यतिथि </a> , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !ब्लॉग बुलेटिनhttps://www.blogger.com/profile/03051559793800406796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7736130555916967745.post-1851622954766791192014-07-04T13:01:31.740+05:302014-07-04T13:01:31.740+05:30आज जब" फेसबुक "जैसा माध्यम हो गया है अपन...आज जब" फेसबुक "जैसा माध्यम हो गया है अपने पुराने साथियो से मिलने का, तो कभी कभी बड़ी कोफ़्त होती है की हमने कुछ बहनो के आलावा और बहनो के नाम क्यों नहीं जाने ?कम से कम नाम मालूम होते तो उन्हें ढूंढा तो जा सकता है। इसलिए" नाम में क्या रखा है " इसे हल्के में न लेकर उसके महत्व को पहचानना जरुरी है। .......... सच उस समय सोचने की कहाँ फुर्सत थी कि भविष्य में क्या परिवर्तन होने वाले हैं। <br /> बहुत बढ़िया चिंतनशील प्रस्तुति ...<br /> कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.com