tag:blogger.com,1999:blog-7736130555916967745.post7287260142802479619..comments2024-03-10T11:27:05.515+05:30Comments on अभिव्यक्ति: जान लेवा .....सच क्या है ??शोभना चौरेhttp://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.comBlogger28125tag:blogger.com,1999:blog-7736130555916967745.post-6502632156745666082010-08-01T22:04:27.126+05:302010-08-01T22:04:27.126+05:30कितना जानलेवा सच है!!!! अच्छी प्रस्तुती व शानदार प...कितना जानलेवा सच है!!!! अच्छी प्रस्तुती व शानदार पोस्टरचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7736130555916967745.post-31280354032270638512010-07-28T17:59:59.024+05:302010-07-28T17:59:59.024+05:30पोस्ट के शुरू में आप ने कई सवाल उठाये ,
सच में बार...पोस्ट के शुरू में आप ने कई सवाल उठाये ,<br />सच में बारिश के नीचे खुले में रहे लाखों टन अनाज की बर्बादी देख कर दिल दुखता है.<br />मिलावट के ज़माने में क्या जानलेवा है ,क्या नहीं? कुछ मालूम नहीं चलता.<br />-गरीबी के जिस कटु सत्य को आप ने बताया है वह दिल दहला देने वाला ही है.गरीबी हर जगह है और अब और भी बढ़ेगी जैसा मैं ने अपनी पोस्ट में एक अख़बार की कट्टिंग में भी दिखाया है की भारत के ८ प्रदेशों में भयंकर गरीबी है और २०५० तक भारत के आबादी चीन से अधिक हो जाएगी.जिसके परिणामों की कल्पना भी भयावह है .<br />बहुत सही मुद्दे उठाये हैं आप ने इस पोस्ट में.Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7736130555916967745.post-5969741495797098202010-07-27T22:11:18.489+05:302010-07-27T22:11:18.489+05:30marne k pahle kyu dar jaaye......
jaruri h kuchh t...marne k pahle kyu dar jaaye......<br />jaruri h kuchh to ham kar jaaye..meemaanshahttps://www.blogger.com/profile/01448224110676809874noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7736130555916967745.post-9366912803145955332010-07-26T13:12:38.072+05:302010-07-26T13:12:38.072+05:30aapkee post bahut acchee lagee .
aapkee safar kee ...aapkee post bahut acchee lagee .<br />aapkee safar kee taiyariya v chal rahee hogee .Mai London aa gayee hoo.agalee vaar jab aap aaengee avashy milenge humara ghar bhee usee area me hai......<br />shubh yatra.Apanatvahttps://www.blogger.com/profile/07788229863280826201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7736130555916967745.post-562041430887801972010-07-25T18:49:36.129+05:302010-07-25T18:49:36.129+05:30सबसे अच्छा है इस ईडीएट बॉक्स को बंद कर दें ..... श...सबसे अच्छा है इस ईडीएट बॉक्स को बंद कर दें ..... श्रीष्टि अपने आप जो करना है करेगी ... अछा लिओखा है बहुत ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7736130555916967745.post-32439240637352242642010-07-25T17:29:25.521+05:302010-07-25T17:29:25.521+05:30आपने वास्तविकता को कविता में उतारा है!.... सार्थक ...आपने वास्तविकता को कविता में उतारा है!.... सार्थक रचना...बधाई!Aruna Kapoorhttps://www.blogger.com/profile/02372110186827074269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7736130555916967745.post-46737513952253491532010-07-25T16:41:57.130+05:302010-07-25T16:41:57.130+05:30इस पोस्ट को पढने वाले बहुत से लोगों(मेरे सहित) ने ...इस पोस्ट को पढने वाले बहुत से लोगों(मेरे सहित) ने ऐसी गरीबी का विवरण पहली बार सुना होगा. यह घटना भारत की जी.डी.पी.बढ़ने की हकीकत बताती है.hem pandeyhttps://www.blogger.com/profile/08880733877178535586noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7736130555916967745.post-40812832243856491192010-07-25T06:18:32.526+05:302010-07-25T06:18:32.526+05:30...प्रभावशाली अभिव्यक्ति !!!...प्रभावशाली अभिव्यक्ति !!!कडुवासचhttps://www.blogger.com/profile/04229134308922311914noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7736130555916967745.post-91259894341084156352010-07-24T20:19:27.532+05:302010-07-24T20:19:27.532+05:30जान कर खुशी हुई कि अम्मा का आखिर मकान की लिस्ट में...जान कर खुशी हुई कि अम्मा का आखिर मकान की लिस्ट में नाम तो आया । अच्छा होता कि उनके खानेपीने का भी कुछ इन्तजाम हो जाता । हमारे बुजुर्ग जो हमें चीजें सम्हाल कर इस्तेमाल करना सिखा गये हैं उसका यही कारण है । लेख शुरू से अंत तक बांध कर रखने वाला ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7736130555916967745.post-54180803007652242842010-07-24T16:47:15.837+05:302010-07-24T16:47:15.837+05:30राम भरोसे ही जिन्दगी कट रही और कट जायेगी ,डर के कह...राम भरोसे ही जिन्दगी कट रही और कट जायेगी ,डर के कहां तक जी सकते है ,बहुत पते की बाते कही है आपने .ज्योति सिंहhttps://www.blogger.com/profile/14092900119898490662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7736130555916967745.post-31257510565390024982010-07-23T19:27:15.613+05:302010-07-23T19:27:15.613+05:30Vartmaan yatharth ka sachha chitran kiya hai aapne...Vartmaan yatharth ka sachha chitran kiya hai aapne... abhharकविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7736130555916967745.post-86177664043175653002010-07-23T17:10:54.882+05:302010-07-23T17:10:54.882+05:30बहुत संवेदनशील पोस्ट...बहुत संवेदनशील पोस्ट...The Straight pathhttps://www.blogger.com/profile/06718150451299029345noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7736130555916967745.post-39261116329960461322010-07-23T16:05:00.207+05:302010-07-23T16:05:00.207+05:30रोंगटे खड़े हो गए और आँखें नम हो गयीं, उन गाँव वालो...रोंगटे खड़े हो गए और आँखें नम हो गयीं, उन गाँव वालों को तो उनकी इस हालत का पता होगा....कोई मदद नहीं की??...माना वे लोग भी गरीब ही होंगे...पर दो दिन में एक बार खाना तो उपलब्ध करा सकते थे. पता नहीं....किन किन कोनों में ऐसे लोग भी सिर्फ आती-जाती साँसों पर जिंदा हैं...<br /><br />ऐसे प्रसंग पढ़कर तो मिलावट की आलोचना का भी मन नहीं हो रहा...अति-मार्मिक..rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7736130555916967745.post-71083508331456261652010-07-23T12:14:54.973+05:302010-07-23T12:14:54.973+05:30बहुत संवेदनशील पोस्ट...बहुत संवेदनशील पोस्ट...एक विचारhttps://www.blogger.com/profile/00900111694761474015noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7736130555916967745.post-30062288421302141102010-07-23T08:53:39.094+05:302010-07-23T08:53:39.094+05:30जानलेवा है क्या क्या फिर भी जान तो बची है ...
मार्...जानलेवा है क्या क्या फिर भी जान तो बची है ...<br />मार्मिक ..!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7736130555916967745.post-5939195376716805072010-07-23T07:52:44.545+05:302010-07-23T07:52:44.545+05:30ओह! जरूर देखूंगा और जानकारी प्राप्त करूंगा.
..आभार...ओह! जरूर देखूंगा और जानकारी प्राप्त करूंगा.<br />..आभार.देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7736130555916967745.post-63788674898772015442010-07-23T06:04:20.517+05:302010-07-23T06:04:20.517+05:30didi बहुत ही संवेदंसील लेख है
बर्तमान की ज्वलं...didi बहुत ही संवेदंसील लेख है <br />बर्तमान की ज्वलंत समस्यों पर सीधा कटाक्ष है <br />पढ़ कर काफी कुछ सोचने को मजबूर कर दिया आपने ....!!!Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/00869289113422824430noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7736130555916967745.post-47144735126518324522010-07-23T01:22:47.095+05:302010-07-23T01:22:47.095+05:30बहुत संवेदनशील पोस्ट...बहुत संवेदनशील पोस्ट...संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7736130555916967745.post-43776197301313173472010-07-22T23:19:30.651+05:302010-07-22T23:19:30.651+05:30अभी आपकी कहानी फिर से पढने के लिये ब्लॉग पर आया तो...अभी आपकी कहानी फिर से पढने के लिये ब्लॉग पर आया तो नई पोस्ट पढने को मिली। 'जान लेवा..कच क्या है"..इस संदर्भ में मैरी टिप्पणी अज़ीब लग सकती है क्योंकि मैं वर्तमान की इन समस्याओं, या संकटों या मिलावट आदि को लेकर ज्यादा परेशान नहीं होता क्योंकि यह आदिकाल से जनसंसार में विद्ध्मान हैं। दरअसल हम ये हमारे सामने देखते हैं तो लगता है यह कैसा कलयुग? है न/ किंतु आप यदि वेद-पुराणों आदि का अध्ययन करें तो हमे पता चलता है यह सब सारे कालों में मौजूद रहा है। मनुस्मृति हों या इतिहास आदि प्र्त्येक में हमे मिलता है ऐसे मानवीय नियम जिनमें ऐसे कृत्यों को करने की सज़ा तय की गई है। सज़ा आज भी तय है मगर कृत्य होते हैं? ऐसा पहले भी था। <br />मैरा तो एक मानना है यदि भोग लगता है ठाकुरजी को तो जहर भी पावन हो जाता है। आप खाइये बेपरवाह होकर/ बस अपने मन से, पूरी भक्तिभाव से भोग लगा हो ईश्वर को तो...। यह बात गम्भीरता के लिये है, कुछ इसे नहीं मानेंगे? खैर..न मानें। किंतु जानलेवा..हर काल परिस्थिति में रहा है और जीव जिया है। प्रकृति ने शरीर को शायद इन चीजों का अभ्यस्त कर दिया है। वैसे भी कल्युग है.., अच्छी पोस्ट। अब कहानी पढ रहा हूं।अमिताभ श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/12224535816596336049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7736130555916967745.post-44044704619994807102010-07-22T23:02:31.693+05:302010-07-22T23:02:31.693+05:30बैचे न आत्माजी
टिप्पणी के लिए धन्यवाद |राज्य ने चय...बैचे न आत्माजी<br />टिप्पणी के लिए धन्यवाद |राज्य ने चयन नहीं किया अम्मा माँ अमृतानन्दमायी जिनका केरल में आश्रम है उनके द्वारा आवास उपलब्ध कराए जाते है और जिहोने सुनामी में बिखरे लोगो को कई हजार घर बना कर दिए है |<br />अधिक जानकारी इस लिंक पर मिल सकती है |<br />http://www.amritapuri.org/शोभना चौरेhttps://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7736130555916967745.post-73016560304277920422010-07-22T22:19:40.111+05:302010-07-22T22:19:40.111+05:30Bahut,bahut achha aalekh aur jo sansmaran aapne sa...Bahut,bahut achha aalekh aur jo sansmaran aapne saajha kiya!kshamahttps://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7736130555916967745.post-23893168388053939222010-07-22T22:03:12.699+05:302010-07-22T22:03:12.699+05:30जान लेवा खबरों के साथ कलेजा निकाल देने वाला संस्मर...जान लेवा खबरों के साथ कलेजा निकाल देने वाला संस्मरण..!<br />..सचमुच भारत में अभी बहुत गरीबी है. केरल राज्य की घटना ने चौंकाया, मगर खुशी हुई कि निर्धन का चयन हुआ. इसके लिए राज्य बधाई का पात्र है.<br />..मीडिया की नाटकीयता ने उसकी विश्वसनीयता को संकट में डाल दिया है. अब तो गलती से अगर समाचार का चैनल खुल जाता है तो पत्नी, बच्चे, रूठ कर दूसरे कमरे में चले जाते हैं.<br />..उम्दा पास्ट के लिए बधाई.देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7736130555916967745.post-71208638366139851902010-07-22T21:56:46.957+05:302010-07-22T21:56:46.957+05:30अब तो बस कुछ ही सांसे बची है बाकि तो सब जानलेवा ही...अब तो बस कुछ ही सांसे बची है बाकि तो सब जानलेवा ही है!मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7736130555916967745.post-33607711639152296622010-07-22T21:15:40.443+05:302010-07-22T21:15:40.443+05:30बहुत सुन्दर व सामयिक प्रस्तुति।बहुत सुन्दर व सामयिक प्रस्तुति।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7736130555916967745.post-10914560506724160402010-07-22T20:50:29.363+05:302010-07-22T20:50:29.363+05:30मार्मिक लगी यह कथू की कहानी... भगवान सब को दे.. ओर...मार्मिक लगी यह कथू की कहानी... भगवान सब को दे.. ओर आप् का लेख भी सोचनिया लगा... आज कल जिसे देखो मिलावट कर रहा है... ओर खुद भी मिलावटी समान ही खा रहा है... पता नही लोगो को यह पेसे का लालच कहा तक ले जायेगा. कानून भी इन मिलावटी लोगो की मदद करता हैराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.com