सूरज रोज अपने नियत समय पर होता उदय होता है वो कभी नये साल का या केलेंडर का इंतजार नहीं करता अनवरत उसे तो चमकना ही है
तो हम भी क्यों इस एक दिन ही शुभकामनाये दे और ले ?
हर रोज के उगते सूरज के साथ ही नियमित शुभकामना इस सारे संसार को |
लो फिर नया साल आ गया
बीती बाते
बीते साल कि,
जो आदत बन गई
जैसे कि
दाल का कम खाना
बिन मौसम बरसात का आना
न चाहते हुए भी
पड़ोसी के बेटे कि शादी के रिसेप्शन के
गिद्ध भोजन को निहारकर
११ बजे रात तक भी दूल्हा दुल्हन के
स्टेज पर न आने तक
लिफाफे को पकडे रह जाना |
टेलीविजन के रियलिटी शो के
नकलीपन को देखकर
जानकर भी उसे रियल मान लेना |
शादियों में डी.जे.के शोर का
विरोध करते करते
खुद उस नाच में
झूमकर शामिल हो जाना|
अपने को देश के कर्णधार
समझने वाले नेताओ का
देश के ज्वलंत मुद्दों
से परे हटकर
अपने ही रास रंग में खो जाना |
हाँ
इन सबसे अलग
ये बात खास
ये बात खास महत्वपूर्ण
ब्लॉग के जरिये
नये पर अपने से लगते
अपनों से जुड़ जाना
और
इस अपने इस परिवार को
नये साल कि
नई सुबह की
सूरज की नई
पहली किरन की
प्यारी सी
राम राम
|
नववर्ष मंगलमय हो।
ReplyDeleteJAY SIYA RAAM.
ReplyDeleteSAAL ka gujarna..SAAL kaa aanaa.., prakarti ki is gati ko jab ham dekhate samjhate aour manaate he to kyo fir prakarti ke khilaaf hamaare kratya he? kher..aapki rachna sahi he.
न चाहते हुए भी
ReplyDeleteपड़ोसी के बेटे कि शादी के रिसेप्शन के
गिद्ध भोजन को निहारकर
११ बजे रात तक भी दूल्हा दुल्हन के
स्टेज पर न आने तक
लिफाफे को पकडे रह जाना |
इन पंक्तियों के लिए और हर पंक्तियों के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद
आपको नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
न चाहते हुए भी
ReplyDeleteपड़ोसी के बेटे कि शादी के रिसेप्शन के
गिद्ध भोजन को निहारकर
११ बजे रात तक भी दूल्हा दुल्हन के
स्टेज पर न आने तक
लिफाफे को पकडे रह जाना |
वाह सही बात है शोर का विरोध करते हुये भी शोर का एक हिस्सा बन जाना --सही बात है हम कहते बहुत कुछ हैं मगर करते कुछ नहीं मन का सजीव चित्रण बधाई और शुभकामनायें
naye saalkee aapko anek shubhkamnayen!
ReplyDeleteUmmeed karen, is saal daal aur zyada kam na karni pade!
शोभना जी ,
ReplyDeleteनए साल की राम - राम
nav varsh mangalmay ho isee shubhkamna ke sath .
ReplyDeleteब्लॉग के जरिये
ReplyDeleteनये पर अपने से लगते
अपनों से जुड़ जाना...
बहुत सुखद है इस तरह जुड़ जाना ....नव वर्ष की बहुत शुभकामनायें ...!!
नया साल आप के लिये सुख, शांति और समृद्धि लाये।
ReplyDeleteन चाहते हुए भी
ReplyDeleteपड़ोसी के बेटे कि शादी के रिसेप्शन के
गिद्ध भोजन को निहारकर
११ बजे रात तक भी दूल्हा दुल्हन के
स्टेज पर न आने तक
लिफाफे को पकडे रह जाना |
bahut hi rochak lagi kavita..
vyngy ke saath saath chintan hai. achchee lagi yah kavita.
Naye saal ki dheron shubhkamnayen.
अलग अंदाज में नये साल की राम राम अच्छी लगी
ReplyDeleteमेरी भी राम राम , नव वर्ष मंगलमय हो
बहुत अच्छा लिखा है .... हर दिन का स्वागत ऐसे ही करना चाहिए .....
ReplyDeleteआपको और आपके पूरे परिवार को नये साल की बहुत बहुत शुभकामनाएँ ........
नव वर्ष आपके और आपके परिवार के लिये हार्दिक मंगलमय हो!
ReplyDeleteआप को तथा आपके परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
ReplyDeleteकुछ संकल्प तो लेने ही होंगे...
ReplyDeleteनया वर्ष नयी उम्मीदों
नयी तैयारियों के नाम
नूतन उत्साह और
नवीन चेतना के नाम
नववर्ष की बधाई एवं शुभकामनाओं सहित
- सुलभ जायसवाल 'सतरंगी'
bohot sundar tareeke se kataksh kia ha...
ReplyDeletenaye saal ki shubhkamnaye....
इन सबसे अलग
ReplyDeleteये बात खास
ये बात खास महत्वपूर्ण
ब्लॉग के जरिये
नये पर अपने से लगते
अपनों से जुड़ जाना
और
इस अपने इस परिवार को
नये साल कि
नई सुबह की
सूरज की नई
पहली किरन की
बहुत बेहतरीन रचना गंभीर भाव लिए हुए
नववर्ष पर हार्दिक बधाई आप व आपके परिवार की सुख और समृद्धि की कमाना के साथ
सादर रचना दिक्षित
नया साल...नया जोश...नई सोच...नई उमंग...नए सपने...आइये इसी सदभावना से नए साल का स्वागत करें !!! नव वर्ष-2010 की ढेरों मुबारकवाद !!!
ReplyDeleteनववर्ष की शुभकामनाओं के साथ ब्लाग जगत में द्वीपांतर परिवार आपका स्वागत करता है।
ReplyDelete"आशा है एक नए उमंग की,
ReplyDeleteतरंग और उसके संवेग की॥
घूँघट उठाती दुल्हन २०१०...
और उसके स्पर्श की
मेरी दुल्हन २०१०
आपका स्वागत"
न चाहते हुए भी
ReplyDeleteपड़ोसी के बेटे कि शादी के रिसेप्शन के
गिद्ध भोजन को निहारकर
११ बजे रात तक भी दूल्हा दुल्हन के
स्टेज पर न आने तक
लिफाफे को पकडे रह जाना |
ये तो मेरा निजी ्नुभव आपने बयां कर दिया । नववर्ष बहुत शुभ और मंगल हो ।
naya varsh sabki umeedo ko poora kare isi aasha ke saath aapko nav varsh ki badhai
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