Wednesday, December 30, 2009

"खुशियों कि राम राम "

सूरज रोज अपने नियत समय पर होता उदय होता है वो कभी नये साल का या केलेंडर का इंतजार नहीं करता अनवरत उसे तो चमकना ही है
तो हम भी क्यों इस एक दिन ही शुभकामनाये दे और ले ?
हर रोज के उगते सूरज के साथ ही नियमित शुभकामना इस सारे संसार को |

लो फिर नया साल गया
बीती बाते
बीते साल कि,
जो आदत बन गई
जैसे कि
दाल का कम खाना

बिन मौसम बरसात का आना

चाहते हुए भी
पड़ोसी के बेटे कि शादी के रिसेप्शन के
गिद्ध भोजन को निहारकर
११ बजे रात तक भी दूल्हा दुल्हन के
स्टेज पर आने तक
लिफाफे को पकडे रह जाना |

टेलीविजन के रियलिटी शो के
नकलीपन को देखकर
जानकर भी उसे रियल मान लेना |

शादियों में डी.जे.के शोर का
विरोध करते करते
खुद उस नाच में
झूमकर शामिल हो जाना|

अपने को देश के कर्णधार
समझने वाले नेताओ का
देश के ज्वलंत मुद्दों
से परे हटकर
अपने ही रास रंग में खो जाना |

हाँ
इन सबसे अलग
ये बात खास
ये बात खास महत्वपूर्ण
ब्लॉग के जरिये
नये पर अपने से लगते
अपनों से जुड़ जाना

इस अपने इस परिवार को
नये साल कि
नई सुबह की
सूरज की नई
पहली किरन की

प्यारी सी
राम राम







|

22 comments:

  1. JAY SIYA RAAM.
    SAAL ka gujarna..SAAL kaa aanaa.., prakarti ki is gati ko jab ham dekhate samjhate aour manaate he to kyo fir prakarti ke khilaaf hamaare kratya he? kher..aapki rachna sahi he.

    ReplyDelete
  2. न चाहते हुए भी
    पड़ोसी के बेटे कि शादी के रिसेप्शन के
    गिद्ध भोजन को निहारकर
    ११ बजे रात तक भी दूल्हा दुल्हन के
    स्टेज पर न आने तक
    लिफाफे को पकडे रह जाना |
    इन पंक्तियों के लिए और हर पंक्तियों के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद
    आपको नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।

    ReplyDelete
  3. न चाहते हुए भी
    पड़ोसी के बेटे कि शादी के रिसेप्शन के
    गिद्ध भोजन को निहारकर
    ११ बजे रात तक भी दूल्हा दुल्हन के
    स्टेज पर न आने तक
    लिफाफे को पकडे रह जाना |
    वाह सही बात है शोर का विरोध करते हुये भी शोर का एक हिस्सा बन जाना --सही बात है हम कहते बहुत कुछ हैं मगर करते कुछ नहीं मन का सजीव चित्रण बधाई और शुभकामनायें

    ReplyDelete
  4. naye saalkee aapko anek shubhkamnayen!
    Ummeed karen, is saal daal aur zyada kam na karni pade!

    ReplyDelete
  5. शोभना जी ,
    नए साल की राम - राम

    ReplyDelete
  6. nav varsh mangalmay ho isee shubhkamna ke sath .

    ReplyDelete
  7. ब्लॉग के जरिये
    नये पर अपने से लगते
    अपनों से जुड़ जाना...

    बहुत सुखद है इस तरह जुड़ जाना ....नव वर्ष की बहुत शुभकामनायें ...!!

    ReplyDelete
  8. नया साल आप के लिये सुख, शांति और समृद्धि लाये।

    ReplyDelete
  9. न चाहते हुए भी
    पड़ोसी के बेटे कि शादी के रिसेप्शन के
    गिद्ध भोजन को निहारकर
    ११ बजे रात तक भी दूल्हा दुल्हन के
    स्टेज पर न आने तक
    लिफाफे को पकडे रह जाना |
    bahut hi rochak lagi kavita..
    vyngy ke saath saath chintan hai. achchee lagi yah kavita.

    Naye saal ki dheron shubhkamnayen.

    ReplyDelete
  10. अलग अंदाज में नये साल की राम राम अच्छी लगी
    मेरी भी राम राम , नव वर्ष मंगलमय हो

    ReplyDelete
  11. बहुत अच्छा लिखा है .... हर दिन का स्वागत ऐसे ही करना चाहिए .....
    आपको और आपके पूरे परिवार को नये साल की बहुत बहुत शुभकामनाएँ ........

    ReplyDelete
  12. नव वर्ष आपके और आपके परिवार के लिये हार्दिक मंगलमय हो!

    ReplyDelete
  13. आप को तथा आपके परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।

    ReplyDelete
  14. कुछ संकल्प तो लेने ही होंगे...

    नया वर्ष नयी उम्मीदों
    नयी तैयारियों के नाम
    नूतन उत्साह और
    नवीन चेतना के नाम

    नववर्ष की बधाई एवं शुभकामनाओं सहित
    - सुलभ जायसवाल 'सतरंगी'

    ReplyDelete
  15. bohot sundar tareeke se kataksh kia ha...
    naye saal ki shubhkamnaye....

    ReplyDelete
  16. इन सबसे अलग
    ये बात खास
    ये बात खास महत्वपूर्ण
    ब्लॉग के जरिये
    नये पर अपने से लगते
    अपनों से जुड़ जाना
    और
    इस अपने इस परिवार को
    नये साल कि
    नई सुबह की
    सूरज की नई
    पहली किरन की
    बहुत बेहतरीन रचना गंभीर भाव लिए हुए
    नववर्ष पर हार्दिक बधाई आप व आपके परिवार की सुख और समृद्धि की कमाना के साथ
    सादर रचना दिक्षित

    ReplyDelete
  17. नया साल...नया जोश...नई सोच...नई उमंग...नए सपने...आइये इसी सदभावना से नए साल का स्वागत करें !!! नव वर्ष-2010 की ढेरों मुबारकवाद !!!

    ReplyDelete
  18. नववर्ष की शुभकामनाओं के साथ ब्लाग जगत में द्वीपांतर परिवार आपका स्वागत करता है।

    ReplyDelete
  19. "आशा है एक नए उमंग की,
    तरंग और उसके संवेग की॥
    घूँघट उठाती दुल्हन २०१०...
    और उसके स्पर्श की
    मेरी दुल्हन २०१०
    आपका स्वागत"

    ReplyDelete
  20. न चाहते हुए भी
    पड़ोसी के बेटे कि शादी के रिसेप्शन के
    गिद्ध भोजन को निहारकर
    ११ बजे रात तक भी दूल्हा दुल्हन के
    स्टेज पर न आने तक
    लिफाफे को पकडे रह जाना |
    ये तो मेरा निजी ्नुभव आपने बयां कर दिया । नववर्ष बहुत शुभ और मंगल हो ।

    ReplyDelete
  21. naya varsh sabki umeedo ko poora kare isi aasha ke saath aapko nav varsh ki badhai

    ReplyDelete