या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता :
नमस्तस्यै ,नमस्तस्यै ,नमस्तस्यै नमो नम:
शक्ति कि उपासना के दिन मे और इन मंगलमय दिनों में आपके और आपके पूरे परिवार का हर दिन मंगलमय हो ऐसी शुभकामना करती हूँ |इसी अवसर पर मेरी पिछली पोस्ट "बाबूजी को श्रद्धांजली "और "डायरी के पन्ने "पर आप सभी का जो अमूल्य स्नेह का उपहार मिला है उसके लिए मै ह्रदय से आभारी हूँ |
कभी लगता है हमारे बीते हुए कल कि क्या बात करना ?और लोग कहते भी है बुजुर्गो के पास अतीत कि बखान करने के सिवाय और है ही क्या ?किन्तु ब्लाग जगत में आने के बाद लगता है कि एक दूसरे के संस्मरण पढ़कर हमारे अपनों का संसार और विस्तृत हो गया है |भले ही हम सशरीर हर जगह उपस्थित नहीं हो सकते या वो उपस्थित नहीं हो सकते
किन्तु विचारो से तो दिशा मिल ही जाती है और नाता जुड़ जाता है |
आभार है ब्लाग जगत का जिसके कारण हम इतने लोगो से विभिन्न विषयों पर जुड़ते है जिसमे किसी पर सहमती होती है किसी पर नहीं ?किन्तु फिर भी लगता है अरे !
हम भी तो यही कहना चाहते है |
बरसो से हम अपने प्राचीन साहित्कारो ,कवियों कि रचनाये पढ़ते आये है आज भी उतनी ही प्रासंगिक है और प्रेरणा देती है |ब्लाग में त्वरित प्रतिक्रिया बहुत कुछ लिखने को प्रेरित करती है और लेखन क्षमता को निखरती जाती है ऐसा मै मानती हूँ |
शक्ति उपासना के दिनों में भारत कि वीरांगनाओ को ,भारत कि अनेकानेक उन महिलाओ को जिन्होंने संघर्ष कर अपने जीवन को सार्थक किया है विभिन्न क्षेत्रो में उन्हें कोटि -कोटि नमन |
इसी अवसर पर मेरे घर काम करने वाली आशा ,ज्योति जैसी अनेक शक्तियों के लिए मेरा सर श्रद्धा से झुक जाता है ,जो इसलिए काम करती है कि अपनी बेटियों को अच्छी शिक्षा दे सके और इसीलिए वो उपवास रखकर दिन भर काम करके शक्ति लगाकर, शक्ति के लिए ,शक्ति कि उपासना कर रही है ......
नमन उनको भी |
नवरात्रि की शुभकामनायें ...और सच जो उपवास रखकर दिन भर काम करके शक्ति लगाकर, शक्ति के लिए ,शक्ति कि उपासना कर रही है ......
ReplyDeleteनमन उनको भी
आपको भी शुभकामनायें।
ReplyDeleteshubhkamnae........
ReplyDeleteआपको नवरात्र की ढेर सारी शुभकामनाएं ...
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर इस बार रश्मि प्रभा जी की रचनायें....
आपको भी शुभकामनायें।
ReplyDeleteआपको भी नवरात्र की ढेरों शुभकामनायें ...!
ReplyDeleteसंस्मरण पढ़ना हमेशा ही भाता है और अतीत कभी कभी लुभाता भी है.आप यूँ ही लिखती रहें.
ReplyDeleteआप ने बहुत सही कहा कि भले ही हम सशरीर हर जगह उपस्थित नहीं हो सकते या वो उपस्थित नहीं हो सकते
किन्तु विचारो से तो दिशा मिल ही जाती है और नाता जुड़ जाता है |'
बहुत सही!
***आपको भी नवरात्रि की शुभकामनायें .
नवरात्री की हार्दिक शुभकामनाएं, शोभनाजी!
ReplyDeleteनवरात्रि की शुभकामनाएं
ReplyDeleteआपकी बातों से सहमत हूँ.
बहुत मन को हल्का करता है ये आभासी संसार.
बढ़िया पोस्ट , आभार .
ReplyDeleteकृपया सुझाव दें - -
" किताबों का डिजिटलाइजेशन "
नवरात्री की शुभकामनाएँ..
ReplyDeleteब्लॉग ने कई आत्मीय रिश्ते जोड़ दिए हैं.. मेरे एक मित्र ब्लॉगर कहते हैं,
बिल्कुल सही लगता है अब कुछ समय बिताने के बाद
बहुत बढिया पोस्ट. सच है, ये सब कर्म की देवी हैं.
ReplyDelete९९- जो अद्वैत सत्य ईश्वर है.- यो० प० १७, आ० ३
ReplyDelete( समीक्षक ) जब अद्वैत एक ईश्वर है तो ईसाईयों का तीन कहना सर्वथा मिथ्या है . ॥ ९९ ॥
इसी प्रकार बहुत ठिकाने इंजील में अन्यथा बातें भरी हैं. सत्यार्थ प्रकाश पृष्ट ४१४, १३वां समुल्लास
परम विचार - यह देखो ऋषि का चमत्कार. इसे कहते हैं गागर में सागर. यह थोड़े से शब्द तेरी पूरी पोस्ट पे भारी हैं.
पादरी तूने क्या चखा है यह तेरे उत्तर से स्पष्ट हो जायेगा. तेरे पे ज्ञान की आत्मा उतरती हो तो दे इसका जवाब.
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ReplyDeleteशोभना जी,
बहुत सुन्दर विचार रखे आपने। हमारे घरों में काम करने वाली महिलाओं की अथक मेहनत जो वो अपना घर चलाने के लिए करती हैं, वो निश्चय ही स्तुत्य है।
इस सुन्दर पोस्ट के लिए आपका आभार।
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नवरात्रो की आपको भी शुभकामनायें।
ReplyDeleteआदरणीय शोभना जी ’
ReplyDeleteसादर नमस्कार । नवरात्रि के अवसर पर इससे बढकर सार्थक पोस्ट कोई और हो ही नहीं सकती । आप सबको भी बहुत बधाई और शुभकामनाएं
धन्य हैं ।
ReplyDeleteनवरात्रि की शुभकामनायें ।
ReplyDeleteनवरात्रि की शुभकामनायें ...और सच जो उपवास रखकर दिन भर काम करके शक्ति लगाकर, शक्ति के लिए ,शक्ति कि उपासना कर रही है ......
ReplyDeleteनमन उनको भी
शोभना माँ,
ReplyDeleteनमस्ते!
नवरात्रो की आपको भी शुभकामनायें।
आशीष
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प्रायश्चित
नवरात्रि की सीख भी यही है कि हम अपनी बेटियों को अच्छी शिक्षा दें..। शक्ति पूजा का अर्थ है कि देश को शक्तिशाली बनाये न कि स्वार्थगत होकर पूजा अर्चन करें।
ReplyDeleteदशहरा की ढेर सारी शुभकामनाएँ!!
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