Thursday, January 06, 2011

कुछ ये भी झेले ........

दांत का दर्द नहीं नहीं ?दांतों का दर्द ,ऊपर से अंतर्जाल की तकनीकी खराबी खराबी भी ऐसी की ब्लाग तो खुल जाये पर टिप्पणी न दे पाए ,कभी कभी लम्बी लम्बी टिप्पणी लिखी और पोस्ट ही न हो पाई |दिव्या जी ,सलिलजी के ब्लॉग पर खूब लम्बी टिप्पणीलिखी और अपनी लिखी टिप्पणी पर खुद ही मोहित हो ली, क्योकि टिप्पणी जा ही नही पाई और अब चाहकर भी वैसे भाव नहीं आ पा रहे है इस बीच कितनी ही पोस्ट पढ़ ली पर पर टिप्पणी लिखने का स्त्रोत भी न रहा |बड़ी मुश्किल से कल एक टिप्पणी पोस्ट हुई तो आज साहस हुआ कुछ अपना दांत का ,दाढ़ का दर्द बाँट सकू|
दांत का दर्द और टिप्पणी पोस्ट न होना दोनों ही मेरे बस में नहीं है दात का दर्द तो रूट केनल के माध्यम से कंट्रोल में आ गया किन्तु लम्बी टिप्पणी पोस्ट न होने का मलाल अभी भी है |
ऐसे तो मेरी टिप्पणी करने ,पोस्ट होने न होने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा फिर भी लगता है जिनसे हम जुड़ चुके है मन में एक आस बंधी रहती हे अंतर्जाल के माध्यम से मिलने की, विचारो को बाटने की |
जिनको रोज हम पढ़ते है जिन सकारात्मक विचारो ने हमारे अंतर्मन पर पड़ी हुई धूल को हटाया है उनसे बात करना उनको धन्यवाद देना भी हमारा फर्ज बनता है |
जैसे सारे त्यौहार पर हम सभी एक दुसरे को मुबारकबाद देते है उसी तरह ठंडी का खूबसूरत मौसम भी सबको मुबारक |
गर्म गर्म जलेबी ,गाजर का हलवा ,मेथी के परांठे ,मटर के परांठे मुबारक |
बस पकौड़ी नहीं कह पाऊँगी क्योकि प्याज के बिना कैसी पकोड़ी? और जो चीज अपनी पाकेट मंजूर नहीं करती वो हम खरीदते ही नहीं |

20 comments:

  1. क्या बात है,क्या खुब कहा आपने

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  2. क्या करें सभी झेलना पडता है …।

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  3. दांत का दर्द है तो छोड़िए इन सबको, बस गर्मागर्म हलुवा खाइए, सर्दी भी भाग जाएगी। प्‍याज का तो बहिष्‍कार हमने भी कर रखा है।

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  4. ओह!! तो ये बात है....मैं तो भई आपकी टिप्पणियाँ बहुत मिस कर रही हूँ....खासकर कहानियों पर...आपकी टिप्पणी जैसे कहानी की परतें खोल कर रख देती थीं.

    चलिए कोई नहीं....जान कर अच्छा लगा..दाँत का दर्द अब ठीक है...अपना खयाल रखिये

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  5. दांत का दर्द बड़ा रुलाता है ...अब ठीक है , अच्छा लगा ..
    जिन्हें हम पढ़ते हैं और जो हमें पढ़ते (मतलब हमारे लिखे हुए से )....उनकी पोस्ट और टिप्पणी का इन्तजार रहता ही है ...!

    प्याज ...ये कैसा होता है ,कहाँ मिलता है :):)
    ...हम तो वैसे भी कम ही खाते हैं इसलिए इतना अखर नहीं रही

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  6. जो टिप्पणी लिखी थी उसे सेव कर लेना चाहिए था अब उसे दे देती | हलवा खाने में तो दांत का दर्द भी परेशान नहीं करेगा और आज कल तो प्याज खाने से सीधे दिल में दर्द शुरू होता है |

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  7. ओह अच्छा.....ये मुआं दांत का दर्द .आपके आशीर्वचन से दूर किये हुए था..? वैसे प्याज कहें तो यहाँ से भेज दूं :) पकोड़ी आप भेज देना :)

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  8. आप जल्द दांत के निगोड़े दर्द से आराम पायें और खूब मजे से सर्दियों की धूप में बैठ कर गाज़र मूली खाएं...शाम को रजाई में दुबक कर गुड के साथ मूंगफली का आनंद लें...मेथी गोभी आलू के परोंठे अब ना खाएं...पकौड़ी तो बिलकुल नहीं...हाँ कभी कभी सब जायज़ है...

    रोचक पोस्ट.

    नीरज

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  9. ओह !यह कारण है आप की अनुपस्थिति का !
    दांत का दर्द सबसे असहनीय दर्दों' में से एक माना जाता है.


    लंबी टिप्पणी देनी हो कहीं तो उसे नोटपेड पर या इमेल के पेज पर लिख लिया करें सेव कर लें फिर पोस्ट करे...लंबी टिप्पणियों लिखते समय अक्सर ऐसा हो जाता है.

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  10. ठंड का आनन्द लिया जा रहा है। अब कोई डिक्टाफोन जैसा यन्त्र बनाना पड़ेगा, टिप्पणी करने को।

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  11. aapne mere blog par aa kar kabhi dastak ya tippani nahi di na isliye aisa hua.....khair ek salaah he ab bhi maan lijiye kabhi hamare ghar ki raah par bhi aa jaiyega....shayad fir koi tippani pareshan nahi karegi. ha.ha.ha.

    HAPPY NEW YEAR.

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  12. अपना भी यही हाल है। कनेक्शन इतना स्लो है कि एक ब्लॉग में आधे घंटे लग जा रहे हैं। अपने पास ले दे कर 2-3 घंटे ही होते हैं ब्लॉगिंग के लिये। कहीं-कहीं तो 3 कमेंट एक साथ पोस्ट हो जा रहे हैं कहि एक भी नहीं। आजकल मैने एक दूसरा उपाय निकाला है। जब कनेक्शन नहीं मिलता कुछ लिखने लगता हूँ...यूँ ही...आनंद की यादें भी उसी उलझन मिली प्रेरणा है। कभी-कभी मन का न होना भी अच्छा होता है...वो हरिवंश जी ने कहा है न..मन को हो तो अच्छा ना हो तो और भी अच्छा।

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  13. अन्शुमालाजी
    @अल्पनाजी
    @बहुत बहुत धन्यवाद सुझाव के लिए अब से मै ऐसा ही करुँगी \
    सत्यमजी, वंदनाजी ,वाणीजी,अजितजी ,अनामिकाजी ,शिखाजी, रश्मिजी ,.नीरजजी ,प्रवीणजी,देवेन्द्रजी
    आप सभी लोगो की खुशमिजाज टिप्पणी पढ़कर आनन्द आ गया |
    बहुत बहुत आभार |
    @शिखाजी मै जरुर पकोड़े भेजूंगी |
    अगले चित्र में |

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  14. वाह जी वाह....क्या बात है.... आपको भी मुबारक हो

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  15. haye re pyaaj ......
    sach kaha daant ka dard , baap re kayamat ke aata hai , apna dhyaan rakhiye

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  16. सुन्दर अभिव्यक्ति.

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  17. कई ब्लॉग तो खुलते ही एक एरर मेसेज के साथ बंद हो जीते है .... मैं भी कभी कभी बार बार इसी एरर के चलते हैरान परेसान होकर इन्टरनेट बंध कर देती हूँ एक झुंझलाहट सी हो जाती है मन में .. खैर किया भी क्या जा सकता, जो आसानी से ब्लॉग खुल जाते हैं, बहुत अच्छा लगता है...
    आप शीघ्र स्वस्थ हो यही शुभकामना है... ..नव वर्ष की हार्दिक शुभकामना सहित .सादर

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  18. अरे तो गाजर का हलवा खाइये

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  19. .

    शोभना जी ,

    आपके दांतों के दर्द के बारे में जानकार बहुत कष्ट हुआ। ऐसी अवस्था में कुछ खाने-पीने का भी मज़ा नहीं रहता। इलाज से अब आपको राहत है, ये जानकार हमें भी राहत मिली।

    किसी ब्लॉग पर जब हम पूरे मनोयोग से कोई लम्बी टिपण्णी लिखते हैं और नेट कनेक्शन के चलते वो प्रकाशित नहीं हो पाती तो सच में बहुत दुःख होता है। और फिर दुबारा लिखने में वो भाव नहीं आ पाते।

    आपकी टिप्पणियों का विशेष इंतज़ार रहता है। जिसमें आपके अनुभव और स्नेह दोनों मिलता है।

    प्याज की पकौड़ियों की अच्छी याद दिलाई आपने। सच में बढती महगाई के आगे तो अब छोटे मोटे शौक पूरे करना भी मुश्किल हो गया है।

    अपने स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखियेगा। आपको एवं आपके परिवार को नव वर्ष की मंगलकामनायें ।

    सादर,
    आपकी दिव्या।

    .

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  20. आशा है अब दांत क दर्द ठीक होगा ...
    गरम चीज़ें खाइए ... आजकल तो मौसम का भी यही तकाज़ा है ..

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