Monday, February 28, 2011

"शब्द भाव "प्रथम काव्य संग्रह

रामनारायण उपाध्याय दादाजी कहा करते थे लिखी हुई रचनाओ को संग्रहित कर उनको पुस्तक के रूप में प्रकाशित करना ठीक वैसा हि है जैसे अपनी पुत्री का विवाह करना |जिस तरह अपनी पुत्री के विवाह में माता पिता अपने साथ साथ पूरा परिवार का सानिंध्य पाते है ,उसी तरह मेरा पहला काव्य संग्रह "शब्द भाव "प्रकाशित करने में मेरे संपूर्ण परिवार का सहयोग रहा है |
हाँ जी हाँ---
आप सब लोग भी इसी परिवार में शामिल है | आप सभी के अनमोल भावो को आत्मसात करते हुये ही मेरी लेखनी को विस्तार मिला और यह भाव ही एक किताब का रूप लेने में समर्थ हो पाया |अनेकानेक धन्यवाद |
मेरी बड़ी बहू" श्वेता "जिसने नौकरी करते भी मुझे घर के कार्यो से मुक्त रखा मेरे लिये सहयोगी रखकर यः कहकर कि मम्मी आप आप अब अपने रुके हुये कार्यो को पूरा किजीये |मेरी छोटी बहू" नेहा "जिसने मुझे नेट का a.b.c सिखाया मुझे ब्लाग लेखन के लिये उत्साहित कर मेरा ब्लाग बनाकर मुझे सही मायनो में अभिव्यक्ति प्रदान की| "क्षितीज" बडे बेटे ने किताब को छ्पवाने की जिम्मेवारी लेकर उसे निभाने के फलस्वरूप ही किताब सबके सम्मुख आ पाई है | "निमिष " छोटा बेटा इन सबका सूत्रधार बना |इन सबको अनेकानेक आशीर्वाद |
"शब्द भाव" का श्रीगणेश तो श्रीमान चौरे साहब के हाथो ही हुआ विध्नहर्ता की तरह वो हमेशा मेरे साथ ही रहे |
और प्रकाशन का भार" निमांश " (पोता )ने संभाला उसे खूब प्यार एवम आशीर्वाद |

एक आम गृहिणी की पुस्तक की भूमिका लिखने के लिए मूर्धन्य साहित्यकार एवं प्रगतीशील विचारो से समाज को नई दिशा प्रदान करने वाले आदरणीय" कृष्णकांत निलोसेजी "का मै हृदय से आभार मानती हू |
उन्होने अपनी भूमिका में लिखा है



शिक्षक दिवस के शुभ अवसर पर आदर्श शिक्षिका (निजी पाठशाला )से सम्मानित ,पत्रकारिता महाविद्यालय में अध्यापिका ,और शिक्षा प्रद लेखन में अग्रणी श्रीमती "श्रीती राशिनकर" ने स्नेहवश जो पुस्तक में भूमिका लिखी है वो अमूल्य है वो मुझे दीदी कहती है अत; उन्हे स्नेहाशीष |
श्रीति "शब्द भाव "की भूमिका में लिखती है




विवाह की सारी योजना बन गई सारे काम बंट गये कितु मांडनो (स्वस्तिक ) के बिना कोई शुभ कार्य असंभव है और इसी शुभ कार्य को आरंभ और अर्थपूर्ण बनाने के लिये विख्यात चित्रकार ,पेशे से सिविल इंजिनियर







" संदीप राशिनकर " किन्तु इस रूखे कार्य के बीच संदीपजी में एक चित्रकार ,एक कवि ,एक म्यूरल (भीति चित्र ) बनाने वाले की अत्यंत कलात्मकता से भरी आत्मा बसती है |देश की कई पत्र पत्रिकाओ में हजारो की संख्या में संदीपजी के रेखांकन छपते है |और उन्ही के बनाये रेखांकनो से" शब्द भाव "को आत्मा मिल गई है |इस आत्मीयता के लिए मै संदीपजी का अंतर्मन से अभिनन्दन करती हूँ |
आवरण प्रष्ट के रचयिता भी संदीपजी ही है |
संदीपजी के५७ रेखांकन जो मेरी ५७ कविताओ जीवंत बनाते है |
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इस सुन्दर साज सज्जा के साथ ,इतनी शुभकामनाओ के साथ ,इतने आशीर्वादो के साथ ,आप सभी ब्लागर भाई बहनों के सहयोग से मैंने पुत्री का विवाह( कविता संग्रह ) सम्पन्न किया है |विवाह तो सम्पन्न हो गया अब विदाई (विमोचन ) की बारी |घर के सबसे बड़े सदस्य श्वसुर तुल्य काका ससुर और पिता तुल्य मेरे मेरे काकाजी के आशीर्वाद से असीम ख़ुशी प्राप्त हुई
आदरनीय काकाजी श्री गोरीशंकर चौरे (अमेरिका )
पूज्य काकाजी श्री रमेश उपाध्याय (इंदौर )


अनोखा विमोचन
दादी की किताब का विमोचन (बेंगलोर )

कोई गलती हो तो क्षमा चाहती हूँ और आशा करती हूँ आप सब " शब्द भाव" स्वीकार करे |
धन्यवाद |

21 comments:

  1. वाह ! यह तो बहुत खुशी की बात है। बहुत-बहुत बधाई।
    ......बच्चों ने माँ को एक नायाब तोहफा दिया। इससे यह भी पता चलता है कि साहित्य में परिवार को एक सूत्र में बांधने की शक्ति होती है।

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  2. अरे वाह! बहुत बहुत बधाई. कितना सुन्दर तोहफ़ा मिला, है न?

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  3. वह वाह वाह ..बहुत बहुत बधाई .और जिस स्नेह से आपने पूरे परिवार को इस साहित्य की माला में पिरोया है बहुत ही प्यारा है .

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  4. ye to bahut khushi ki baat hai ,aapko dhero badhai is pustak ke liye .bachche ke haath me bahut hi pyari lag rahi hai .

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  5. बहुत बहुत बधाई शोभनाजी ..... हार्दिक शुभकामनायें

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  6. आपको हार्दिक बधाई, बंगलोर में कहाँ जाकर यह पुस्तक ले आऊँ मैं?

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  7. बहुत बहुत बधाई शोभना जी....इतने सुन्दर ढंग से आपने पुस्तक प्रकाशन का जिक्र किया...आनंद आ गया...

    आपके दोनों बेटे और दोनों बेटियों को ढेरो शुभकामनाएं (पोते को भी एक प्यार भरी झप्पी) ...जिन्होंने आपकी अभिव्यक्ति को हम सब तक पहुंचाने का शुभ कार्य किया...
    श्री चौबे जी का भी आभार...जिनका सतत उत्साहवर्द्धन आपको लिखने के लिए प्रेरित करता रहा.

    दुआ है आपका ये 'शब्द भाव'जन-जन तक पहुंचे.

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  8. बधाइयाँ……………… बहुत बहुत शुभकामनायें

    आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
    प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
    कल (2-3-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
    देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
    अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।

    http://charchamanch.blogspot.com/

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  9. Congratulations Mummy .. !!
    Hari goti / Nili goti ..

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  10. अरे वाह! बहुत बहुत बधाई|
    महाशिवरात्री की हार्दिक शुभकामनाएँ|

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  11. शब्द भाव के प्रकाशन की बहुत बढ़ायी ...और ये जानकार और भी अच्छा लगा की इसमें आपके पूरे परिवार की भागीदारी है ...
    आपके साथ उन्हें भी बहुत बधाई !

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  12. .

    शोभना जी ,

    बहुत-बहुत बधाई । आपकी इस उपलब्धि के मौके पर हम भी शामिल हैं खुशियाँ बांटने के लिए। आपके सभी मित्रों एवं परिवार जनों कों उनके सहयोग के लिए बधाई । दादी की पुस्तक का विमोचन करते हुए पोता अपने गौगल्स में जबरदस्त लग रहा है ।

    .

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  13. आपको ढेरों बधाईयां...

    किताब लिखना और उसे प्रकाशित करना वास्तव में किसी विवाह आयोजन जैसा ही है. आपके सफल आयोजन पर बधाई.

    मनोज

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  14. शोभना जी ,
    शब्द भाव काव्य संग्रह के लिए बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें .....सुन्दर विमोचन

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  15. नाराज होने का अधिकार रखता हूं। नाराज हूं। बहुत ज्यादा नाराज हूं। आपने अपने जीवन के इस अनमोल अवसर पर मुझे याद ही नहीं रखा..? क्यों? खबर तक नहीं होने दी मुझे...। खैर..मेरे साथ अक्सर यही होता है कि 'अपने' अपने किसी विशेष आयोजन में मुझे भूल जाते हैं। सच में आपसे लडने का मन कर रहा है। ठीक वैसे ही जैसे अपनी मां से लडता हूं, मगर यहां तो मां..मुझे भूल ही गई..। खैर..
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    मेरी बधाई और शुभकामनायें हैं। उन्हें हृदय से धन्यवाद देता हूं जिन्होंने आपके इस कार्य को सफल बनाने में अपना योगदान दिया।

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    पता नहीं पुस्तक प्रेषित करने का याद रहेगा भी या नहीं? फिर भी निवेदन करुंगा आपसे कि एक प्रति जरूर भेंजें।

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    पुनः बधाइयां

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  16. बहुत बहुत बधाई .... परिवार का भरपूर सहयोग हो तो किसी भी बात का आनंद दुगना हो जाता है ...
    आपको पुनः बधाई ...

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  17. bahut bahut badhai... pote ke anmol haathon se vimochan , yah bahut khaas baat hai

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  18. अरे वाह! शोभना दी...यह तो वाकई बड़ी खुशखबरी है!बहुत बहुत बधाईयाँ !
    आप के पहले 'काव्य संग्रह-शब्द भाव ' के प्रकाशित होने पर आप और आप के घर में सभी को बधाईयाँ.
    आज ही देखी यह पोस्ट.
    देर से बधाईयाँ दे पा रही हूँ इसके लिए माफ़ी चाहती हूँ.

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  19. काव्य संग्रह के प्रकाशन पर हार्दिक शुभकामनाये . आशा है रचना अपने आप में कालजयी हो . आज आपकी प्रविष्टी मेरे ब्लॉग पर हुई तभी सब जानकारी हाशिल हो पाई . और तब आपके कुछ लेख भी पढने को मिल सके .

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  20. हार्दिक बधाई!:)
    बहुत अच्छा लगा जानकर!
    ~सादर!!!

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