आदरणीय शोभना जीनमस्कार !बेहद गहरे अर्थों को समेटती खूबसूरत और संवेदनशील रचना...... आभार
अनुपम प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत आभार
सपनों का ताना-बाना,अपनों का आना-जाना।
गहन अर्थो को समेटती सुन्दर रचना।
सपनेमनतनजिन्दगी से जुड़ेया कि ?जिन्दगीसपनों सेमन सेतन सेजुडी ?गूढ़ प्रश्न करती अच्छी रचना
विचारोत्तेजक कविता।
सपने जिंदगी से या जिंदगी सपनो से ...दोनों का अन्योनाश्रित सम्बन्ध है ... जिंदगी है तो सपने हैं ...और देखे हुए सपने पूरा करने के प्रयास जिंदगी !
अद्भुत संसार है सपनों का और सपनो से जिंदगी से गहरा रिश्ता है. बहुत सुंदर लगी यह प्रस्तुति.
शोभना दी!एक प्रश्न जो हमेशा व्यक्ति स्वयं से पूछता है और उसका उत्तर खोजने की चेष्टा करता है.. लेकिन यह प्रश्न हल नहीं होता!! अद्भुत जीवन दर्शन!!
बढ़िया रचना के लिए शुभकामनायें विवेक जैन vivj2000.blogspot.com
सपनेमनतनजिन्दगी से जुड़ेया कि ?जिन्दगीसपनों सेमन सेतन सेजुडी ?bahut hi sundar rachna hai ,ek geet dhyaan aa raha -jindagi khwab hai khwab me jhoot kya sach kya ...........
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सपनों की दुनिया है . उसी से जीवन चल रहा है ! सपनों की पूर्ती में हज़ारों अपेक्षाएं भी जुडी हुयी हैं ! एक बेहतरीन यथार्थपरक रचना !
आदरणीय शोभना जी
ReplyDeleteनमस्कार !
बेहद गहरे अर्थों को समेटती खूबसूरत और संवेदनशील रचना...... आभार
अनुपम प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत आभार
ReplyDeleteसपनों का ताना-बाना,
ReplyDeleteअपनों का आना-जाना।
गहन अर्थो को समेटती सुन्दर रचना।
ReplyDeleteसपने
ReplyDeleteमन
तन
जिन्दगी से जुड़े
या कि ?
जिन्दगी
सपनों से
मन से
तन से
जुडी ?
गूढ़ प्रश्न करती अच्छी रचना
विचारोत्तेजक कविता।
ReplyDeleteसपने जिंदगी से या जिंदगी सपनो से ...
ReplyDeleteदोनों का अन्योनाश्रित सम्बन्ध है ... जिंदगी है तो सपने हैं ...और देखे हुए सपने पूरा करने के प्रयास जिंदगी !
अद्भुत संसार है सपनों का और सपनो से जिंदगी से गहरा रिश्ता है. बहुत सुंदर लगी यह प्रस्तुति.
ReplyDeleteशोभना दी!
ReplyDeleteएक प्रश्न जो हमेशा व्यक्ति स्वयं से पूछता है और उसका उत्तर खोजने की चेष्टा करता है.. लेकिन यह प्रश्न हल नहीं होता!! अद्भुत जीवन दर्शन!!
बढ़िया रचना के लिए शुभकामनायें
ReplyDeleteविवेक जैन vivj2000.blogspot.com
सपने
ReplyDeleteमन
तन
जिन्दगी से जुड़े
या कि ?
जिन्दगी
सपनों से
मन से
तन से
जुडी ?
bahut hi sundar rachna hai ,ek geet dhyaan aa raha -jindagi khwab hai khwab me jhoot kya sach kya ...........
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ReplyDeleteसपनों की दुनिया है . उसी से जीवन चल रहा है ! सपनों की पूर्ती में हज़ारों अपेक्षाएं भी जुडी हुयी हैं ! एक बेहतरीन यथार्थपरक रचना !
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