आवाज
इन पन्नो पर लिखते रहें
अफसाने
सुबह शाम के हम ,
इन पन्नो पर लिखते रहें
अफसाने
सुबह शाम के हम ,
एक दिन जरुर पढ़े जायेगें हम ...
इन कानो से सुनते रहें
चहचहाना पंछियों का
चहचहाना पंछियों का
सुबह शाम हम
एक दिन उनसे
संवाद कर जायेगे हम .......
विचारो से
उनकी हस्ती न मिटाये
तो ही अपनी
हस्ती बना पायेंगें हम .......
मन की आवाज सुनी जायेगी, एक दिन..
ReplyDeleteBahut Hi Sunder
ReplyDeleteविचारो से
ReplyDeleteउनकी हस्ती न मिटाये
तो ही अपनी
हस्ती बना पायेंगें हम .......
क्या खूब लिखा है वाह शोभना जी ।