Monday, March 18, 2013

आवाज

 आवाज 

इन पन्नो पर लिखते रहें
अफसाने
सुबह शाम के हम , 
 एक दिन जरुर पढ़े जायेगें हम ...

इन कानो से सुनते रहें 
चहचहाना पंछियों का 
सुबह शाम  हम 
एक दिन उनसे 
संवाद कर जायेगे हम .......

विचारो से 
उनकी हस्ती न मिटाये 
तो ही अपनी 
हस्ती बना पायेंगें  हम .......




3 comments:

  1. मन की आवाज सुनी जायेगी, एक दिन..

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  2. विचारो से

    उनकी हस्ती न मिटाये

    तो ही अपनी

    हस्ती बना पायेंगें हम .......

    क्या खूब लिखा है वाह शोभना जी ।

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