कोरोना काल
कोरोना तुम्हारा
कोई दोष नही?
जब टी वी आया तो
हमने उसे दोष दिया
कि परिवार को ,समाज
को निगल गया
जब इंटरनेट आया तो
उसको दोष दिया
की सारे संबंध
आभासी है
और अब तुम्हें कि
तुम ने सम्बन्धों में
दूरियाँ बढ़ा दी
दरअसल हम तो यही
चाहते थे मन से,
आत्मीयता तो दिखावा थी
आज फोन पर ही
बात करने से
समझ जाते है अंदाज में
कि
उनको ,आपकी बात में
कितनी रुचि है?
ये जुमला
सही है ,
सेनिटाइजर फेक्ट्री के लिए
दवाई की खोज के लिए
कि आपदा में अवसर है
बाकी तो
ओढ़ी गई आपदा में
हम किसी को बुलाने
में भी कतराते है
और किसी के घर ,
जाने में भी।
शोभना चौरे
#कोरोना अनलॉक1#
बहुत सही
ReplyDeleteवाह ,पते की बातें ,बहुत सुंदर
ReplyDeleteबहुत अच्छे से इंसानी फ़ितरत बयान की है ...
ReplyDeleteअच्छी रचना ...
धन्यवाद
Deleteबहुत ही सुन्दर रचना..
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