Thursday, June 25, 2020

कोरोना काल

कोरोना काल

कोरोना तुम्हारा 
कोई दोष नही?
जब टी वी आया तो 
हमने उसे दोष दिया
कि परिवार को ,समाज 
को निगल गया
जब इंटरनेट आया तो
 उसको दोष दिया
की सारे संबंध 
आभासी है
और अब तुम्हें कि
तुम ने सम्बन्धों में
दूरियाँ बढ़ा दी
दरअसल हम तो यही
चाहते थे मन से,
आत्मीयता तो दिखावा थी
आज फोन पर ही
 बात करने से 
समझ जाते है अंदाज में
कि
उनको ,आपकी बात में 
कितनी रुचि है?
ये जुमला 
सही है ,
सेनिटाइजर फेक्ट्री के लिए
दवाई की खोज के लिए
कि आपदा में अवसर है
बाकी तो
ओढ़ी गई आपदा में
हम किसी को बुलाने
में भी कतराते है
और किसी के घर ,
जाने में भी।

शोभना चौरे
#कोरोना अनलॉक1#

5 comments:

  1. वाह ,पते की बातें ,बहुत सुंदर

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  2. बहुत अच्छे से इंसानी फ़ितरत बयान की है ...
    अच्छी रचना ...

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  3. बहुत ही सुन्दर रचना..

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