Friday, May 15, 2009

एक विनती नेताओ के नाम


कल चुनाव के रिजल्ट आ ने शुरू हो जावेगे |कुछ दिनों में जोड़ -तोड़ के सरकार भी बन जावेगी |चुनाव के दोरान इतना कुछ लिखा जा चुकाहै |पता नही जिनके लिए लिखा जाता है उन तक शब्दों गूंज पहुचती भी है ?
एक विनती है ब्लागर भाइयो से ,बहनों से अगर नेताओ से जान पहचान हो तो कृपया यह विनती उन तक पहुँचाने का कष्ट
करे|


मैंने कही पढा है जब एक व्यक्ति सेप्यार करते है ,तो उसे प्रेम कहते है और जब समूह से प्रेम करते है तो वह 'धर्म '
बन जाता है
शायद इस धर्म से क्रांति आ जाय |और देश शान्ति पा जाय |



क्या ही अच्छा हो ,
नेताजी रेल के सामान्य दर्जे में
यात्रा करे

क्याही अच्छा हो,
नेताजी रेल वे प्लेटफोर्म
पर लगे नल से पानी पिए

|
|क्या ही अच्छा हो
नेताजी रसोई यान का
भोजन करे |

क्या ही अच्छा हो
नेताजी नेता टैप के कपडे
पहनना छोड़ दे |

क्या ही अच्छा हो
नेताजी दिल्ली के
बंगले में रहना छोड़ दे |

क्या ही अच्छा हो
नेताजी अभिनेताओ से
दोस्ती करना छोड़ दे |

क्या ही अच्छा हो
नेताजी अपने बच्चों को
नगर पालिका के स्कूल में
दाखिला करवा दे|


और

क्या ही अच्छा हो
नेताजी
काम करना शुरू कर दे |

लोकतंत्र में नेता
राजा नही ,
जनता के सेवक है

और
सेवक का तो यही धर्म
निर्धारित है |

प्रजा

5 comments:

  1. जी नहीं ये तो कभी नहीं हो सकता..!यदि नेता ये सब करने लगे तो बेचारी जनता क्या करेगी..?ये सब काम तो जनता के है..नेता तो ऐश ही करेंगे..

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  2. 'सेवक का तो यही धर्म-

    agar yah sab karengey to Shobhna ji ye jan sevak 'neta' kaise kahlaye jayengey???:)

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  3. जब समूह से प्रेम करते है तो वह 'धर्म '
    बन जाता है
    शायद इस धर्म से क्रांति आ जाय |और देश शान्ति पा जाय |

    बहुत ही अच्छे भाव ....!!

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  4. आपकी टिपण्णी के लिए बहुत बहुत शुक्रिया !
    बहुत बहुत धन्यवाद ! आपके पोस्ट के वजह से मैं चुनाव के बारे में बहुत कुछ जान पाई और काफी जानकारी मिली! बहुत बढ़िया!

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  5. aapne bahut hi acchi vyangya rachna likhi hai .. jo aaj ke samajik parivesh ko show karti hai ..

    badhai

    pls vist my blog of poems :

    http://poemsofvijay.blogspot.com

    Regards
    Vijay

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