Friday, July 29, 2022
एक शाम में कुछ यू ही .........
रात उतरती गई ,बाते सुलगती गई
सपने हवा हुए ,चादर छोटी हुई
अंगड़ाई ने मुस्कुराने का प्रयत्न किया
जिन्दगी को चलने का , इशारा मिला
-शोभना चौरे
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