कौनसी श्रेणी ?
अभी दो दिन पहले समाचार था की १४ वर्ष से कम के बच्चे बाल श्रम (बाल श्रम कानून हम सब जानते है)कानून के अंतर्गत आते है |यह कानून कई सालो से है बावजूद इसके होटलों में ,दुकानों में , dhabo में रेलवे स्टेशनों आदि जगहों पर बाल श्रमिक देखे जा सकते है बहुतायत से |
इसके आलावा टेलीविजन पर धारावाहिकोंमें ,विज्ञापनों में रियलिटी शो में सेक्डो की संख्या में बाल श्रम देखा जा सकता है |अभी तक ये नही मालूम? की ये कलाकार जिनकी उम्र लगभग ५ साल से लेकर १२ या १३ साल तक की है
इन्हें कोनसे श्रम की श्रेणी में रखा है ?
आज एक बहुत अजीब बात देखने को मिली मुझे अ जीब लगी पर शायद पहले भी किसी ने देखा हो ?मैने यहा बेगलोर में घर पास ही एक छोटा सा गणपति का मन्दिर है वहा देखा एक १० साल का बच्चा रेशम की धोती पहने ,गले में जनेऊ धारण किये पुजारी की डयूटीका निर्वाह कर रहा था |यहा ज्यादातर मंदिरों में रिवाज है जितने भी भक्त आते है,( पुजारी हाथ में आरती जिसमे दीपक होता है एक हाथ में घंटी होती है) हर भक्त लिए अलग से भगवान की आरती उतारते है और भक्त उसमे पैसा डालते है |उस बच्चे का रोज का यही काम है |सुबहरोज ७ से ११ बजे तक और शाम को ४से ९ बजे तक |असे और भी कितने ही बच्चे भक्तो की सेवा करते होगे ?
ऐसे बच्चे कोनसे श्रम की श्रेणी में आयेगे ?
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Saturday, July 11, 2009
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8 टिप्पणियाँ:
Samay aur paristhiti ke anusaar saty ki paribhaashaa badal jaati hai......
शोभना जी,
सोचने के लिये वाध्य करने वाली प्रविष्ठि है।
कृपया अपना इमेल आइडी भेज दें
bahut achchi post lagi.. apke blog par pahli baar aakar achcha laga... ab visit karte rahenge.....
bahut sahi kaha aapne.....
shobhna ji aapne ekdam sahi kaha hai..hame sochna chaahiye ki bachpan aise hi chala jaayega to un bachcho ki jawaani bhi aur budhapa bhi barbad ho jayegi ....achchha subject uthaya hai ..dhanywad...
बिल्कुल सही कहा है आपने...सोचने वाली बात है!
shobhanaji ,,,,vishaya aur aapki suchna kaffi savedanshil hai ,,,kya yee samaj ki gairzimeedar hone ki abhyavkti hai ,,,kamana billore,mumbai
aapne yadi us chhote pujari se baat ki hoti to saari baat ka pata chal jaataa, maukaa lage to baat kar dekhiye aur sabko bataiye ki aisaa kyon huaa??
satyendra
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