"शब्द भाव "के प्रकाशित होने पर और आप सबकी बधाइयाँ पाकर खुशियाँ द्विगुणित हो गई |
देवेन्द्रजी ,वंदनाजी ,शिखाजी ,ज्योतिजी मोनिकाजी ,रश्मि रविजा जी ,प्रवीणजी , वंदनाजी ,वाणीजी ,निमिष नेहा
patliji ,दिव्याजी ,संगीताजी ,रश्मि प्रभाजी ,मनोजजी ,अमिताभजी ,नास्वाजी आप सभी ने जो अपने स्नेहसिक्तशब्दों से बधाई दी है और हमेशा उत्साह वर्धन किया है उसके लिए ह्रदय से आप सबकी आभारी हूँ |
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प्रवीणजी आप बंगलौर में घर के पते पर पुस्तक प्राप्त कर सकते है मैंने पता मेल में लिख दिया है काफी दिन पहले ही |शायद स्पैम में चला गया हो ?
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अमिताभजी ,आपकी नाराजी से भरी बधाई का बहुत अच्छी लगी |
पुस्तक भेजने के लिए मैंने मेल किया है |
पुनह सबका आभार |
Thursday, March 10, 2011
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9 टिप्पणियाँ:
धन्यवाद...पुस्तक पढ़ने की लालसा हमारे मन में भी अंकुरित हों उठी है.
हमारी तरफ से भी हार्दिक बधाई स्वीकार करें...और इस पुस्तक की प्राप्ति का रास्ता सुझाएँ...
नीरज
आभार कैसा शोभा जी...ऐसी ख़बरें....ख़ुशी दे जाती हैं..एक तो किताब का छपना...दूसरे घर वालों का इतना सहयोग...दोहरी खुशखबरी
आपके परिवार ने इतना सहयोग किया जानकर सच मे बहुत प्रसन्नता हुई…………सच पढना चाहेंगे आपकी पुस्तक जो सबके स्नेह से स्नेहसिक्त है।
आपका पता भी मिल गया है और फोन नम्बर भी, बस थोड़ा समय और मिल जाये तो आपके यहाँ आकर चाय पियेंगे।
अरे! आपने तो आभार व्यक्त कर दिया! इसकी तो ज़रूरत ही नहीं थी.अपनों के बीच जब भी कुछ अच्छा होता है, मन खुश हो जाता है बस.
किताब तो हम भी पढना चाहते हैं.
आप को हार्दिक बधाई !!
शुभकामनायें ....
This is great.
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