Tuesday, February 11, 2014

बस यू ही

 एहसान का नाम मत दो
मै  कोई प्रतिद्वंदी नहीं तुम्हारी
बस  जरा सा सहयोग कर ले 
ये आदत है हमारी .


3 टिप्पणियाँ:

प्रवीण पाण्डेय said...

सुन्दर भाव, सहज।

ब्लॉग बुलेटिन said...


ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन १२ फरवरी और २ खास शख़्स - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

चला बिहारी ब्लॉगर बनने said...

चार लाइनों में अनुभव का सागर उँड़ेल दिया है!!