Friday, January 30, 2009
बसंत
शीत की बंद कोठरी के द्वार से
अंधेरो को उजाले में लाया है बसंत ।
महकती कलियों के लिए भोरो का ,
प्रेम संदेश लाया है बसंत .
पीले से मुख पर बसंती आभा
बिखेरता हुआ आया है बसंत .
किसानो के लिए फसलो की सोगात
लेकर आया है बसंत .
जीवन को जीवन देने ,
फ़िर से आया है बसंत .
और पढ़ते हुए बच्चो के लिए ,
देवी माँ सरस्वती का वरदान
लेकर आया है बसंत ।
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2 टिप्पणियाँ:
wah .... acchi rachna
जीवन को जीवन देने ,
फ़िर से आया है बसंत .
Superb
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