Thursday, October 08, 2009

बस कुछ यूँ ही

कभी कभी मन असहज हो जाता है, तब बहुत कुछ उमड़ घुमड़ कर आता है बेतरतीब सा उसे समेटना नही चाहता मन |
तो बस कुछ यू ही अहसास ताजा हो जाते है .........

वो छोड़ जाते है रोनके
हम तो शून्य भी साथ ले जाते है |

कहने को जिन्दगी हंसती रही
पर आँखों में आंसू तैर जाते है |

चुराते है दिल वो ऐसे
धडकन के लिए भी मोहताज हो जाते है |

अब तू ही बता दे आसमा
किस गली में वो ठहर जाते है |


माना की चाँद आज रौशनी दे गया
सितारे ही सदा साथ निबाह जाते है \

बरसो बरस साथ देने का वादा करने वाले
कुछ ही पल में अकेला छोड़ जाते है \

25 टिप्पणियाँ:

रश्मि प्रभा... said...

कभी कभी मन असहज हो जाता है, तब बहुत कुछ उमड़ घुमड़ कर आता है बेतरतीब सा उसे समेटना नही चाहता मन.........aur yahi bikhri bhawnayen jane kitna kuch kah jati hain

राज भाटिय़ा said...

कहने को जिन्दगी हंसती रही
पर आँखों में आंसू तैर जाते है |
बहुत खुब जी
धन्यवाद

ज्योति सिंह said...

कहने को जिन्दगी हंसती रही
पर आँखों में आंसू तैर जाते है |
rashmi ji kitni sundar baate kah gayi ,sachmuch dil ko chhune wali rachana hai .

ज्योति सिंह said...

कहने को जिन्दगी हंसती रही
पर आँखों में आंसू तैर जाते है |
ye line bhool gayi thi likhna ,bahut sundar .

वाणी गीत said...

असहज मन और आँखों के छिपे आंसू ही लिखवा गए हैं कविता भी ...भावपूर्ण कविता ...

वन्दना अवस्थी दुबे said...

कितना सुन्दर!!

दिगम्बर नासवा said...

बरसो बरस साथ देने का वादा करने वाले
कुछ ही पल में अकेला छोड़ जाते रहे........

SACH KAHA . DIL TODNE WAALE AISE HI JULM DHAATE HAIN .... SUNDAR ABHIVYAKTI HAI ...

Apanatva said...

अब तू ही बता दे ओ आसमा
किस गली में वो ठहर जाते है |
bahut sunder tareeke se bhav ulahne ka darshatee kavita

Sonali said...

sundar rachna...

विनोद कुमार पांडेय said...

चुराते है दिल वो ऐसे
धडकन के लिए भी मोहताज हो जाते है |

bahut sundar bhav bhari rachana..
padh kar achcha laga..badhayi

Udan Tashtari said...

भावपूर्ण अभिव्यक्ति!! उम्दा!!

निर्मला कपिला said...

कहने को जिन्दगी हंसती रही
पर आँखों में आंसू तैर जाते है |

चुराते है दिल वो ऐसे
धडकन के लिए भी मोहताज हो जाते है |
भावम्य अभिव्यक्ति है सुन्दर शुभकामनायें

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) said...

वो छोड़ जाते है रोनके
हम तो शून्य भी साथ ले जाते है |

कहने को जिन्दगी हंसती रही
पर आँखों में आंसू तैर जाते है |

yeh panktiyan dil ko chhoo gayi.........

bahut hi achchi kavita.......

डॉ टी एस दराल said...

सुन्दर रचना.

रंजू भाटिया said...

बरसो बरस साथ देने का वादा करने वाले
कुछ ही पल में अकेला छोड़ जाते है जब मन यूँ ही होता है तभी इस तरह से लिखा जाता है ..अच्छे लगे आपके यह एहसास

Mumukshh Ki Rachanain said...

वो छोड़ जाते है रौनकें
हम तो शून्य भी साथ ले जाते है |

कहने को जिन्दगी हंसती रही
पर आँखों में आंसू तैर जाते है |

काफी गहरे भावों से रची बसी एक उम्दा कृति.

बधाई.

चन्द्र मोहन गुप्त
जयपुर
www.cmgupta.blogspot.com

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

माफी चाहूँगा, आज आपकी रचना पर कोई कमेन्ट नहीं, सिर्फ एक निवेदन करने आया हूँ. आशा है, हालात को समझेंगे. ब्लागिंग को बचाने के लिए कृपया इस मुहिम में सहयोग दें.
क्या ब्लागिंग को बचाने के लिए कानून का सहारा लेना होगा?

रंजना said...

भावुक मन को बड़े ही सुन्दर ढंग से बांध कर यहाँ शब्दों में अभिव्यक्ति दे दी है आपने....सुन्दर रचना...

परमजीत सिहँ बाली said...

बहुत बढिया व बेहतरीन लिखा है।्बधाई।

बरसो बरस साथ देने का वादा करने वाले
कुछ ही पल में अकेला छोड़ जाते है \

अजय कुमार said...

बरसो बरस साथ देने का वादा करने वाले
कुछ ही पल में अकेला छोड़ जाते है \
sach hai

Alpana Verma said...

बरसो बरस साथ देने का वादा करने वाले
कुछ ही पल में अकेला छोड़ जाते है

bhaavpurn abhivyakti..

bas yun hi ..kuchh shbd gahan bhaav shbdon ko de jate hain.

Vinashaay sharma said...

असहज मन का एहसास करती सुन्दर काव्य रचना ।

Asha Joglekar said...

निर्मला जी कमाल की रचना है । दिल को बेचैन कर गई । खास कर ये
वो छोड़ जाते है रोनके
हम तो शून्य भी साथ ले जाते है |

Pawan Kumar said...

वो छोड़ जाते है रोनके
हम तो शून्य भी साथ ले जाते है |

कहने को जिन्दगी हंसती रही
पर आँखों में आंसू तैर जाते है |
बहुत अच्छे........... बेहतरीन अनुभूति ..हर एक शब्द मन को स्पर्श करता है.

rohan chourey said...

mausi bauth achhi kavita hai...