"जन्माष्टमी की शुभकामनाये "
आज एक पुरानी पोस्ट फ़िर से दे रही हूँ |
लताओं में ,कुंजो में .गलियों में ,
,.यमुना की लहरों में
मुरली की मोहक तान छोड़ गये तुम
राधा को गोपियों को ,ग्वालो को
नन्द बाबा ,माता यशोदा को
कैसी टीस दे गये तुम
संहारक .रक्षक राजा ओर गीता के उपदेशक बनकर
संसार में महान बन गये तुम
माखन की स्निग्धता ,कोमलता तुम बिन नही
मिश्री की मिठास तुम बिन नही
आओ कृष्ण एक बार फ़िर आओ
पुनः स्रष्टि को जीवंत बना जाओ
प्रीत की पुकार सुन लो ,
कठोर न बनो श्याम ,ये तुम्हारा स्वभाव नही ,
तुम पर कोई आक्षेप करे
ये मुझे मंजूर नही
आओ कान्हा पुनः
इस जग को सुंदर बना जाओ
,.यमुना की लहरों में
मुरली की मोहक तान छोड़ गये तुम
राधा को गोपियों को ,ग्वालो को
नन्द बाबा ,माता यशोदा को
कैसी टीस दे गये तुम
संहारक .रक्षक राजा ओर गीता के उपदेशक बनकर
संसार में महान बन गये तुम
माखन की स्निग्धता ,कोमलता तुम बिन नही
मिश्री की मिठास तुम बिन नही
आओ कृष्ण एक बार फ़िर आओ
पुनः स्रष्टि को जीवंत बना जाओ
प्रीत की पुकार सुन लो ,
कठोर न बनो श्याम ,ये तुम्हारा स्वभाव नही ,
तुम पर कोई आक्षेप करे
ये मुझे मंजूर नही
आओ कान्हा पुनः
इस जग को सुंदर बना जाओ
(-इमेज सोर्स -कृष्ण . कॉम )
यमुना जी
6 टिप्पणियाँ:
aao kaanha..
bahut pyari si post he haalanki dobara post ki gai kintu ise chahe aap kitani bhi baar post kar de ye apni mahak ekdam nai si lekar aati he..
bahut sundar..
बहुत सुंदर! आपकी हर एक रचना में एक अलग सी बात होती है! बहुत अच्छा लगा! श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें!
कितने सुन्दर ढंग से आपने कृष्ण को बुलाया है....
Bahut sundar.Kuch chijen kabhi purani nahin hoti.
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ। जय श्री कृष्ण!!
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INDIAN DEITIES
हमारे लिये तो नयी ही पोस्ट है मैम....
सचमुच कान्हा की जरूरत है।
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