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Friday, July 29, 2022
नन्हा शिशु
माँ दे रही
शिशु को अपनी
साँसे
माँ
पुलक रही
अपने शिशु की साँसों से
नवयौवना हो,
प्रौढा हो,
या वृद्धा हो
माँ की साँसे
महकती है
सिर्फ अपने
शिशु से
जैसे साँसों
का कोई
मोल नहीं?
वैसे ही ममता
का मोल नहीं----
उषा जी का टास्क
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शोभना चौरे
वेदना तो हूँ पर संवेदना नहीं, सह तो हूँ पर अनुभूति नहीं, मौजूद तो हूँ पर एहसास नहीं, ज़िन्दगी तो हूँ पर जिंदादिल नहीं, मनुष्य तो हूँ पर मनुष्यता नहीं , विचार तो हूँ पर अभिव्यक्ति नहीं|
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मेरे काव्य - संग्रह 'शब्द भाव '
प्राप्ति के लिए संपर्क करें :shobhana.chourey@gmail.com
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